भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरा वनडे मैच डकवर्थ लुइस नियम के तहत 119 रन से जीत लिया और सीरीज भी 3-0 से अपने नाम की। वनडे में कैरिबियाई टीम का खराब प्रदर्शन जारी है। इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 225 रन का बड़ा स्कोर बनाया। पहली पारी के दौरान दो बार बारिश के चलते खेल रुका और टीम इंडिया सिर्फ 36 ओवर ही खेल पाई। डकवर्थ लुइस नियम के तहत वेस्टइंडीज के सामने 35 ओवर में 257 रन का लक्ष्य था। इसके दबाव में एक बार कैरिबियाई बल्लेबाज बिखर गए और पूरी टीम 26 ओवर में 137 रन बनाकर सिमट गई।
इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इसी का फायदा उन्हें डकवर्थ लुइस में मिला और वेस्टइंडीज के सामने काफी मुश्किल लक्ष्य रखा गया। बड़े लक्ष्य के दबाव में वेस्टइंडीज ने दूसरे ओवर में ही दो अहम विकेट गंवा दिए और यहीं से उनकी हार तय हो गई थी। हालांकि, आधिकारिक रूप से भारत को जीतने में दूसरी पारी के 26 ओवर लग गए, लेकिन सही मायने में टीम इंडिया दूसरे ओवर में ही यह मैच जीत चुकी थी।
मैच के टर्निंग प्वाइंट
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शिखर धवन और शुभमन गिल की जोड़ी ने शानदार शुरुआत की। पिच धीमी थी और नए बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान नहीं था। ऐसे में दोनों ने क्रीज पर जमकर बल्लेबाजी की और लगभग पांच रन प्रति ओवर की गति से रन बनाए। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 113 रन जोड़ भारत की जीत तय कर दी थी।
धवन के आउट होने के बाद श्रेयस अय्यर ने भी शानदार बल्लेबाजी की और वेस्टइंडीज को वापसी का मौका नहीं दिया। बारिश के बावजूद गिल की एकाग्रता नहीं टूटी और वो क्रीज पर रहकर रन बनाते रहे।
इस मैच में दो बार बारिश आई और जब बारिश आई तो भारत अच्छी स्थिति में था। इसका फायदा टीम इंडिया को मिला और वेस्टइंडीज के सामने मुश्किल लक्ष्य रखा गया।
सिराज ने अपने पहले ही ओवर में काइल मार्यस और शमराह ब्रूक्स को आउट कर दिया। बिना कोई रन बनाए, वेस्टइंडीज के दो विकेट गिर गए थे और यहीं से भारत की जीत तय हो गई थी।
शाई होप और ब्रेंडन किंग ने 47 रन की साझेदारी कर विंडीज को मैच में वापस लाने का प्रयास किया, लेकिन वो सफल नहीं हुए और भारत बड़े अंतर से मैच जीत गया।
भारतीय कप्तान शिखर धवन के लिए यह मैच बहुत शानदार रहा। पहले उन्होंने बल्लेबाजी में कमाल किया। गिल के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 113 रन जोड़े। 74 गेंद में 58 रन बनाए। उनके बल्ले से सात चौके निकले। इसके बाद अपने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल किया और वेस्टइंडीज को 26 ओवर के अंदर समेटकर मैच जीत लिया। वहीं, वेस्टइंडीज के कप्तान निकोलस पूरन के लिए यह मैच कुछ खास नहीं था। उन्होंने 32 गेंद में 42 रन जरूर बनाए, लेकिन यह उनकी टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। गेंदबाजी के दौरान भी वो कुछ खास नहीं कर सके और भारतीय बल्लेबाजों को लंबी साझेदारियां करने का मौका दिया।
भारत के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पहलूः भारत की बल्लेबाजी इस मैच में सुपरहिट रही। शिखर धवन, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर ने अच्छी बल्लेबाजी की। पिच इतनी आसान नहीं थे, लेकिन इन तीनों ने दिखाया की उनमें कितनी क्षमता है। गेंदबाजी में भी सभी ने कमाल किया। सिराज ने अपने पहले ओवर में ही दो विकेट चटकाए। फिर चहल और अक्षर ने साझेदारी तोड़ी। शार्दुल ने भी दो विकेट लिए और अंत में चहल ने पुछल्ले बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया।
नकारात्मक पहलूः बारिश के बाद जब तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, तब गिल और अय्यर संघर्ष कर रहे थे। इसी वजह से श्रेयस और सूर्यकुमार दोनों आउट हो गए। सैमसन ने भी सात गेंदों में कोई चौका-छक्का नहीं लगाया। गेंदबाजी में प्रसिद्ध कृष्णा एक बार फिर काफी महंगे साबित हुए। अक्षर पटेल ने भी काफी रन लुटाए।
वेस्टइंडीज के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पहलूः गेंदबाजी में हेडन वॉल्श महंगे जरूर साबित हुए, लेकिन अहम मौकों पर दो विकेट लिए। अकील हुसैन ने कंजूसी से रन देकर विकेट निकाला। कीमो पॉल ने भी रन नहीं दिए। बल्लेबाजी में कप्तान पूरन के अलावा ब्रेंडन किंग और साई होप ने दिखाया कि वो अच्छी फॉर्म में हैं।
नकारात्मक पहलूः कीमो पॉल और अकील हुसैन को छोड़ सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए। कोई भी गेंदबाज ऐसा नहीं दिखा, जो अपने दम पर विकेट ले पाया। भारतीय बल्लेबाजों ने सभी विकेट अपनी गलती से गंवाए। बल्लेबाजी में हालत और खराब रही। सात खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए। सबसे ज्यादा 42 रन कप्तान पूरन और ब्रेंडन किंग ने बनाए। वेस्टइंडीज के लगातार खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह टीम की खराब बल्लेबाजी और बल्लेबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है।