अभी तो बहुत कुछ
सीखना बाकी है।
अभी तो बहुत कुछ
लिखना बाकी है।
यह दौर है शुरवाती
अभी पढ़ना बाकी है।
जितना भी लिखें कम है
कलम चलना बाकी है।
न कभी झुकना है
न कभी रुकना है
कलम की ताकत
दिखाना बाकी है।
अभी तो हमने
कलम पकड़ी है
कलम को छुवा है
अभी रंगना बाकी है।
अभी तो हमने
शब्दों को समाझा है
पर अभी तो भावों को
समझना बाकी है।
अशोक पटेल "आशु "
तुस्मा,शिवरीनारायण(छ ग)