आखिरी बार,,जब भी लिखूंगी
नहीं,, बिल्कुल नहीं,,कभी नहीं!
कविता कभी आखिरी नहीं होती !
कविता में आखिरी कुछ होता ही नहीं !
कविता धूप है,,पानी है,, बारिश है,,
,,,,,,,, कविता प्रेम है,, उम्मीद है !!
मैं हर बार लिखना चाहूंगी
एक कविता
प्रेम के लिए,,तुम्हारे लिए,,सबके लिए
धूप के लिए,,पानी के लिए,, बारिश के लिए,,
प्रेम कभी आखिरी नहीं होता,,
सुना तुमने,,
हमारी कोई कविता आखिरी नहीं होगी
वो हर दफा, एक नई उम्मीद होगी !!
नमिता गुप्ता "मनसी"
मेरठ , उत्तर प्रदेश