दिल लगाओ तो जिंदा नज़र आओ दोस्तों,
ना किसी का दिल तुम दुखाओं दोस्तों,
जो ना दे तवज्जो तुम्हारे प्यार को,
उसको छोड़ आगे बढ़ जाओ दोस्तों,
जिसके दिल में नहीं प्यार का अहसास,
तुम भी उसको दिल से भूलाओ दोस्तों,
याद में ना उसकी खुद को ज़मीं पर तुम,
इस नादान से दिल को ना तड़पाओ दोस्तों,
आए हो ज़हान में एक इन्सान के रूप में,
ना किसी के धोखे में ज़िन्दगी रूलाओ दोस्तों,
है अजब-गजब से नज़ारे ज़हान में,
तुम भी किसी और से दिल लगाओ दोस्तों,
मिलता है जन्म बड़ी मुश्किल से एक बार,
इसको अपने खुबसूरत बनाओ दोस्तों,
मैंने देखें है यहाँ कईं दिल तड़पते हुए,
ना जीवन को अपने बर्बाद बनाओं दोस्तों,
आज का प्रचलन मिलता नहीं प्यार वो सच्चा,
तुम भी ज़माने की तरह हो जाओ दोस्तों,
किसी बेवफ़ा की याद में तुम यहाँ,
जीवन इस कीमती को ना मिटाओ दोस्तों,
रचनाकार
रामेश्वर दास भांन
करनाल हरियाणा