नवल तकनीक आयुध से सुसज्जित,
जल थल नभ, रिपु भय से प्रकम्पित।
पारंगत सेना,पराक्रम,शौर्य अमित,
देश की सेना, आत्म-बल कवचित।
नाम,नमक,निशान हेतु यह समर्पित,
साहस,त्याग,निडरता रखती सुखित।
रणनीति आचार्य, हिन्द सागर मध्य,
रखे सिर पर प्रलय, क़ुरबानी संचित।
ब्रह्मोस की मारक क्षमता है विशेष,
स्वदेशी शस्त्रों से, इसमें बढ़ा नवाचार।
जग की अजेय सेना,भिड़ंत में कुशल,
सजग ख़ुफ़िया-तंत्र, भेदन है दुर्निवार।
मेल नेतृत्व, कार्रवाई,मूल्य भी महान,
प्रशिक्षित यह, जन में सम्मान अतुल।
सैन्य-संचालन का पुंगव-रूप है मान,
इतिहास,भूगोल बदलता,ये देश-कुल।
यूएन शांति-अभियान बनाती ये सफल,
करती भारत-सेना,उग्रवाद को निरस्त।
अपनत्व-भाव से बनती देश का गौरव,
आक्रांत बचाती,देकर शठ को शिकस्त।
देश को सिखाती, सेवा मोल-अनुशासन,
जाति धर्म पंथ भेद को दे रही निर्वासन।
@ मीरा भारती,
पटना,बिहार।