ख्यालों में भी वो शख़्स खास रहता है।
शिकायतें उसी से,मोहब्बत भी बेपनाह,
आँखों को उसके दीदार का आस रहता है।
थोड़ा छलिया और थोड़ा दीवाना है वो,
मर मिटता सभी पर, बड़ा सयाना है वो।
उसकी बस यह आदत मुझे तड़पाती है,
पर मेरी खुशियों का अनमोल खजाना है वो।
सच!पाक मोहब्बत रूहानी होता है,
बिन मिले भी रिश्ता रूमानी होता,
ख़याल-ए-महबूब में गुजरता हर लम्हा,
उसके आगे हर रिश्ता बेमानी होता है।
रीमा सिन्हा
लखनऊ-उत्तर प्रदेश