’जल ही कल है’ इसका संरक्षण करें: आशा त्रिपाठी
सहारनपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाअधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी की प्रेरणा ऐसे कृष्णा नदी और यमुना नदी के किनारे बसे हुए ग्रामों में आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों सहायिका लाभार्थियों के साथ पर्यावरण कलश यात्रा का आयोजन किया गया इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी रूपा गुज्जर स्थित नदी के किनारे रंगोली के माध्यम से पर्यावरण कलश यात्रा का नेतृत्व किया ।
कार्यकत्रियों द्वारा जन जागरण के माध्यम से जनमानस को यह संदेश दिया गया नारे लगाते हुए की ’जल ही कल है’ इसका संरक्षण करें पानी में पॉलीथिन प्लास्टिक गंदगी ना डालें जल को शुद्ध बनाएं पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए गांव के आसपास जितने भी खाली जमीन है वहां अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और स्वस्थ सुरक्षित हो सके।
जन जन का यह है यही आधार’ ’स्वच्छ परिवेश से घर गुलजार। इन संदेशों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हाथों में तख्तियां लेकर नारा लगाते हुए एक जन जागरण जागरूकता यात्रा का आयोजन रूपड़ी गुर्जर गांव से लेकर कृष्णा नदी के किनारे तक घाट बना हुआ है पुलिस स्टेशन मानकमऊ के पास वहां यात्रा का समापन किया गया।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी द्वारा यात्रा का नेतृत्व किया गया मुख्य सेविका बाल विकास परियोजना बलिया खेड़ी श्रीमती सविता तेजान तथा श्रीमती पुष्पा रावत उपस्थित रहे। इस यात्रा में रूपडी गुर्जर क्षेत्र के आसपास की सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं द्वारा पर्यावरण यात्रा में भाग लिया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा संबोधित करते हुए यह कहा गया यदि हम जल को स्वच्छ नहीं रखेंगे, पर्यावरण का संरक्षण नहीं करेंगे। तो हमारी पीढ़ियां को इसका कष्ट होगा।
उनको जल नहीं मिल पाएगा इसलिए आपको सचेत रहना होगा आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण और पर्यावरण को सहेजना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है इससे हम मुख नहीं मोड़ सकते । यदि हम यह कार्य नहीं करेंगे तो समाज के प्रति हमारा उत्तरदायित्व क्या रह जाएगा । इसलिए यदि हम सच्चे नागरिक हैं , देशभक्त हैं तथा अपने पीढ़ियों को बचाना चाहते हैं तो जल संरक्षण ,पर्यावरण संरक्षण ,तालाबों और अमृतसरोवरों को ,नदियों को स्वच्छ और साफ बनाना ही होगा। इस अवसर आंगनबाड़ी कार्यकत्री गीता रानी ,सरला रानी, संगीता , सीमा तथा 50 कार्यकत्रियों और सहायिकाओं उपस्थित रहे।