क्रोध रूपी विकार को छोड़ो
अपने, आपको विनम्रता से जोड़ो
इस मंत्र से भारत के हर व्यक्ति को जोड़ो
क्रोध छोड़ो सहज़ता जोड़ो
क्रोध के उफ़ान में
अपराध हिंसा हो जाती है
घर बार जिंदगी तबाह हो जाती है
अहंकार दिख़ाने को छोड़ो
जिंदगी की दुर्गति की शुरुआत
अहंकार रूपी विकार से होती है
मानसिक असंतुलन की शुरुआत होती है
अपने आपको सहज़ता से जोड़ो
सहज़ता में संस्कार उगते हैं
सौद्राहता प्रेम वात्सल्य पनपता है
लक्ष्मी सरस्वती का आशीर्वाद बरसता है
-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार स्तंभकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र