आजा मोरे बालमा,तुझ संग प्रीत रे।
गरजता बादल,मुझको डराए
उफ्फ ! ये अंधेरा जीया तड़फाए
लगता ना मन,बात सीधी सटीक रे
आजा मोरे बालमा,तुझ संग प्रीत रे।
रिमझिम बारिश,दिल को जलाए
कहते हैं लोग कि ये ठंडक लाए
मुझको चैन ना, सुन मनमीत रे
आजा मोरे बालमा, तुझ संग प्रीत रे।
करूँ मैं सिंगार सारा,तीज मनाऊं
तेरे संग सजना मैं,खिल-खिल जाऊं
आ के दिल सजनी का,अब तो ले जीत रे
आजा मोरे बालमा,तुझ संग प्रीत रे।
करमजीत कौर,शहर-मलोट
जिला-श्री मुक्तसर साहिब,पंजाब