आरबीआई अगले हफ्ते होने वाली समीक्षा में रेपो दर में 0.40 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के मुताबिक, आरबीआई ने गत मई में भी रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, इसके बाद दर 4.40 फीसदी हो गई थी। इसकी वजह मुद्रास्फीति को काबू में लाने की कोशिश बताई गई थी।
ब्रोकरेज कंपनी के मुताबिक, मई में भी मुद्रास्फीति का आंकड़ा सात फीसदी रहने का अनुमान है। ऐसे में रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने के लिए और कदम उठा सकता है। आरबीआई अगले हफ्ते रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा अगस्त की समीक्षा में भी वह 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
बताया जा रहा है कि टमाटर की कीमतों की वजह से मई में फिर से महंगाई बढ़ी है। मुख्य महंगाई दर 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। ऐसे में आरबीआई का ब्याज दर बढ़ाना लगभग तय ही है। हालांकि, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती, क्रूड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल के आयात को शुल्क मुक्त करने और विमान के ईंधन की कीमत नीचे लाने के कई उपाय किए हैं।
बताया जा रहा है कि आने वाले महीनों में आरबीआई अगस्त में एक बार फिर ब्याज दरों को 0.35 फीसदी से 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। अगर रेपो रेट में इसी तरह और बढ़ोतरी होती रही, तो आने वाले दिनों में आम आदमी के लिए लोन की ईएमआई का बोझ और बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई दर औसतन 6.8 फीसदी पर रह सकती है।