वरदान (रोला छंद )

मिला   मुझे   वरदान, बढ़े   यश   गौरव  गाथा |

होना  भव   से  पार, झुका   लो  अपना  माथा ||

चलना मिलकर साथ, सजे अब घर में खुशियाँ |

होगा  सपना  पूर्ण,  मिले   हैं  सबसे   अँखियाँ ||1||


दर्शन दे दो श्याम, लगन अब तुझमें रहती |

सदा रहूँ  मैं  साथ, ह्रदय छवि  तेरी बसती ||

दे दो  अब  वरदान, ह्रदय  को समझो  मेरे |

तरसे   नैन   हमार, रहूँ  अब   उर   में  तेरे ||2||


करती  तुमसे  प्रेम, समझ  लो  मेरे  छलिया |

दिखती छवि दिन रैन, बसे तुम मेरी अखियाँ ||

माँगू   मैं  वरदान, बनों  तुम   मेरा   सहारा |

रहना हरपल साथ, सफल हो जीवन सारा ||3||


आयी मिलन की रात, प्रेम है निश्चल मेरा |

चरणों की रज माथ, समझ लो प्रेम घनेरा ||

ईश्वर  का  वरदान, दिया  हूँ  मैं  तुम बाती |

दर्शन दे दो श्याम, पढ़ो अब तुम  ये पाती ||4||


अरज हमारी श्याम, मिलो वट के तुम नीचे |

मिलन हुआ बहु बार, नैन से  प्रेमिल  सींचे ||

मिला   मुझे   वरदान,  बनोगे   मेरे   राजा |

ह्रदय बुलाता आज, बजे है मन  के बाजा ||5||


नैनन  बहता नीर, मिलो अब  लीला धारी |

तड़पे जल  बिन मीन, दशा मेरी  गिरधारी ||

दे दो प्रभु वरदान, चकित हो अब जग सारा |

छोड़ूँ   गोदी  प्राण, लखो  तुम  रूप  हमारा ||6||

_________


कवयित्री

कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "

लखनऊ

उत्तरप्रदेश