बांसडीह एसडीएम दीपशिखा सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सख्ती दिखाया है।ताकि अतिक्रमण से लोगों को राहत मिल सके। तहसील परिसर के बाहर अतिक्रमण तेजी से तो हटाया ही जा रहा है। वहीं कोई ये न कहे कि एसडीएम एक तरफा कार्यवाही कर रही हैं। अब एसडीएम की निगाह तहसील परिसर में भी पड़ गई है। दो पहिया वाहनों का तहसील परिसर में पूर्ण रूप से प्रवेश वर्जित हो गया है। इतना ही नही एसडीएम बांसडीह दीपशिखा सिंह ने अधिवक्ताओं सू भी कहा कि शासन के निर्देश सबके लिए है और अगर अतिक्रमण है तो खाली करें अधिवक्ता गण । अधिवक्ताओं ने एसडीएम के चपरासी द्वारा अधिवक्ताओं के मेज कुर्सी तोड़ने का आरोप लगाया गया। हालांकि तहसील परिसर में स्टैंड व्यवस्था देने के लिए एसडीएम ने जगह चुन लिया है। बताया जा रहा है कि सभी अधिवक्ताओं को कहा गया है कि तहसील परिसर में अतिक्रमण की गई जगह को छोड़कर साइड में बस्ता का इंतजाम कर लिया जाय।जिससे तहसील परिसर अतिक्रमण से मुक्त हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि अवैध स्टैंड ,और अवैध अतिक्रमण हटाया तत्काल हटा दिए जाय।जिसको लेकर बांसडीह तहसील प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। लगातार यह अभियान बिगत एक सप्ताह से जारी है। हालांकि पटरी दुकानदार से लगायत ठेले खोमचे वाले जो दुकान लगाकर घर चलाया करते थे। उनके सामने रोजी रोटी का संकट हो गया हैं।चूंकि बांसडीह तहसील का एरिया लंबा चौड़ा है।ऐसे में पीड़ित कचहरी आते हैं , घरेलू बाजार करने का भी यही मात्र बड़ा बाजार है।अतिक्रमण अभियान से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
■अतिक्रमण के खिलाफ कोई नही ,लेकिन जगह तो दे दिया जाय
बांसडीह तहसील का क्षेत्रफल बहुत लंबा है। सरयू नदी उस पार कई गांव आते हैं।साथ ही सैकड़ों गांवों का बाजार स्थल, अस्पताल है।तहसील मुख्यालय होने से जाम का झाम रहता है।इससे निजात पाने के लिए ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। अच्छी बात है।किंतु लोगों में चर्चा का विषय यह है कि पटरी दुकानदार, लोगों के समस्याओं का भी ध्यान में रखकर समुचित व्यवस्था दिया जाय।ताकि आम जन को दिक्कत न हो।