इसलिए की मै तेरा इंतजार करती हूँ
खुद से मैं टूटकर तुमसे प्यार करती हूँ
तुम्हारे लफ़्ज़ों में ये कौन सा एक जादू है
चाह कर खुद से कहा मैं इनकार करती हूँ
तुम्हारे पास जब आती हूँ पिघल जाती हूँ
गलतियां क्यों यही मैं बार बार ,करती हूँ
,
सोचती हूँ तो ये महसूस किया करती हूँ
तुम्हारे प्यार में क्यों जिंदगी बेकार करती हूँ
तुम्हारे व्यंग जब सह नहीं सकती शबनम
तब फकत मैं तुम्हें शब्दों से वार करती हूँ
शबनम मेहरोत्रा