निश्चल मन का अटल शाश्वत प्रतीक विश्वास।
करे जब कोई तन मन से तुमपर विश्वास,
दोहरी चाल चलकर मत करो उसका अट्टहास।
जितनी मजबूत उतनी नाजुक डोर होती इसकी,
बने सदियों में, पल में डोर टूट जाये जिसकी।
जतन से निभाओ रिश्तों को ,न आने दो दरार,
मानव जीवन का मूलमंत्र ,है यही आधार।
एक दूजे के पूरक खुशियाँ और विश्वास,
तोड़कर मत दो किसी को दुःख और उच्छवास।
रीमा सिन्हा (लखनऊ)