जंगल उदास है

कम हो रहा है लगातार

वृक्षों का हरापन ,

कविताएं उदास हैं !!


कम हो रही हैं लगातार

कविताओं की पंक्तियां ,

चिड़ियां उदास हैं !!


कम हो रही हैं लगातार

वो पहली सी बारिशें ,

कागज़ की नावें उदास हैं !!


कम हो रहा है लगातार

प्रेम में हमारा मिलना ,

समूचा जंगल उदास है !!


नमिता गुप्ता "मनसी"

मेरठ, उत्तर प्रदेश