समाज में चारों ओर देखो हो रहा पतन,
मानव मूल्यों का हो रहा हनन।
भ्रूण हत्या लोग करें,
लड़का लड़की जांच करें।
कन्या है यह जानकर,
हत्या करके मानकर।
सोचो कभी क्या है सही,
गर हत्या करोगे मासूमों की,
वधू कहां से लाओगे?
बिन कन्या तुम्हारे घर आंगन की,
देहली सूनी सी रह जाएगी।
लड़की तो रौनक है घर की,
चिड़िया सी चहचाहती हैं।
बिना उनके समाज चले ना,
सोचो समझो जरा विचारों।
बेटी को अपनी मारोगे तो,
दूजी को कैसे प्यार करोगे।
छोड़ो तुम् यह हत्या करना,
जीने का हक उनको भी दो।
ना तुम यह सब आज करो।
अपना कल ना खराब करो।
नारी की इज्जत कम करना
भविष्य का आधार है नारी।
जरा सोच विचार कर देखो
जीवन का सार है नारी।
नारी के बिन रह पाओगे क्या?
उसके बिन कुछ कर पाओगे क्या?
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा