यदि भरपूर गंदा है तो नहीं आती
यदि साफ सुथरा है तो नहीं आती
कारण हम बचपन से ही हैं मदमाती
भारत के नवजातों का सारा जहाँ है पेशाबघर
करते हैं पेशाब विंदास वेफिक्र होकर निडर
सूनी गली देखी कि खड़े बैठे बहा दी धारा
बचपन के संस्कारों से कैसे करें किनारा
मोदी जी के शौचालय अभियान से नहीं है वास्ता
चलते सड़क पे थूककर कचड़े से भर देते हैं रास्ता
स्वच्छता का मेडल इंदौर ने ले रखा है
जोर आजमाईश में सभी के सभी सफा हैं
अव्वल इंदौर को सुपर अव्वल बना दीजिए
बाकी देश के शहरों में होड़ लगने दीजीए
फिर देखना बारी बारी से सभी अव्वल हो जाएंगे
तब सभी भारतीय नर- नारी पेशाबघर अपनाएंगे
बच्चूलाल दीक्षित
दबोहा भिण्ड/ग्वालियर