भुरेडी गांव मे पानी न मिलने से ग्रामीण परेशान


-शहर के मोहल्लों में भी जलाभाव का हो हल्ला

बांदा। जल भंडारण के रूप में कही जाने वाली केन के किनारे बसे गांव भी पीने के पानी के लिए मोहताज हैं। ग्राम भुरेड़ी में उत्पन्न हुए पेयजल संकट को लेकर चार-पांच दिनों से घरों में पीने का पानी नहीं है। प्यासे गला तर करने के लिए एक-एक बूंद पानी की आस में लगभग एक किलोमीटर दूर पीने का पानी लेने जाते हैं। नलकूप पेयजल की मोटर खराब हो गई है। जिसके कारण नलकूप के द्वारा दिए जाने वाला पानी भी पाताल में आराम कर रहा है। 

एक तरफ गर्मी अपना प्रकोप दिखा रही है तो वही दूसरी तरफ पानी की समस्या अपना विकराल रूप लेती जा रही है। क्या गांव क्या शहर कस्बा जहां देखो तहां बिजली बाधा और जल संकट को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। सांसद और विधायक भी बिजली पानी देने की बात करने लगे हैं। केन नदी से सटे भुरेड़ी गांव में लोग बूंद-बूंद पानी को परेशान है। पिछले 10 दिन से पानी नहीं आ रहा है कई बार अधिकारियों से कहा पर कोई सुनवाई जल सस्थान नही कर रहा है। नलकूप पेयजल की मोटर खराब हो जाने के कारण यह समस्या है। नलकूप चालक ने बताया कि जैसे ही मोटर सही हो जायेगा तब पानी सप्लाई शुरू हो जायेगी। 

ग्रामीण मेवालाल गौतम, जयशंकर, उमाशंकर, राजेंद्र गौतम,जीतू, जगरूप, रोहित रामबाबू सहित अन्य लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिकायती पत्र देकर समस्या दूर करने की मांग की है। उधर शहर के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां एक-एक बूंद पानी के लिए बाशिंदे तबाह हैं। लगभग एक सप्ताह से सर्वोदय नगर में पानी न आने के कारण बाशिंदों के सामने संकट खड़ा हो गया है। गजाननमाता मंदिर के पास कई ऐसे मकान हैं जहां पर पानी ही नहीं पहुंचता। पुराने समय में दो इंच की पड़ी पाइप लाइन अब बढ़ी जनसंख्या और बढ़े मकानों के चलते जरूरत के हिसाब से जलापूर्ति नहीं कर पा रहे। जल के इस संकट को लेकर जहां जगह-जगह परेशानी है वहीं पानी का इंतजार जारी है।