सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है। डरो मत! पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है। यह देश विरोधी नहीं हो सकता। उच्चतम न्यायालय ने आज यही स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता के सिंहासन पर बैठे निरंकुश शासक, लोगों की आवाज कुचलने वाले निरंकुश राजा, जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने पर लोगों को जेल में डालने वाले राजा अब जान लें कि जनता खड़ी हो चुकी है, अब जनता को दबाया नहीं जा सकता है।
सुरजेवाला के अनुसार, ‘‘कांग्रेस 2019 में यह कानून खत्म करना चाहती थी, आज उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था से यह साबित हो गया कि हमारा रास्ता सही है। उच्चतम न्यायालय ने राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर बुधवार को रोक लगा दी और केंद्र एवं राज्यों को निर्देश दिया कि जब तक सरकार औपनिवेशिक युग के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेती, तब तक राजद्रोह के आरोप में कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए।