कमजोर लिस्टिंग बावजूद अडानी विल्मर के शेयर लगातार उड़ान भर रहे थे, लेकिन अब गिरावट का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। यह स्टॉक 227 रुपये से 878 रुपये तक पहुंच गया था। 27 अप्रैल को अडानी विल्मर 841 रुपये पर था और इसके बाद गिरावट का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि रुकने का नाम नहीं ले रहा। पिछले एक हफ्ते में यह स्टॉक 22.6 फीसद टूट चुका है। हालांकि एक महीने में यह 6.21 फीसद और 3 महीने में 51 फीसद का रिटर्न दिया है।
दरअसल यूक्रेन और रूस के बीच जंग और महंगाई की वजह से खाद्य तेल की सप्लाई और डिमांड पर असर पड़ा है। इस वजह से अडानी विल्मर के नेट प्रॉफिट में गिरावट आई है। अडानी विल्मर, खाद्य तेल मार्केट की लीडिंग कंपनी है। इसका मशहूर ब्रांड फॉर्च्यून है। फरवरी में अपनी लिस्टिंग के बाद से अडानी विल्मर ने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है।