त्रिकालदर्शी,शूलपाणि,वो हैं बम बम भोले।
कंठन सर्पहार,वस्त्र मृगछाला,मुंडमाल गले,
डमरूधारी, कृपानिधान,पार्वती का मन डोले।
औघड़दानी,विध्वंसकर्ता,जटा गंगा,हस्त त्रिशूल,
शशि जैसे शीलत हैं,कभी बनते अनल के गोले।
नन्दी की सवारी करते,भूत पिचाश से दोस्ती,
काल के काल महाकाल सबके प्रिय भोले।
रीमा सिन्हा
लखनऊ-उत्तर प्रदेश