फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की घटना रूस के लिए अच्छी नहीं है। रूस की फिनलैंड के साथ करीब 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा है। रूस को अब इस बात की चिंता है कि नाटो रूसी सीमाओं के नजदीक कौन सा बुनियादा ढांचा विकसित करती है। रूस को इसी बात का डर था कि कहीं स्वीडन और फिनलैंड नाटो में शामिल ना हो जाएं। इसी को लेकर रूस ने पिछले दिनों स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी भी दी थी कि अगर वो नाटो में शामिल होते हैं तो इसके दूरगामी सैन्य और राजनीतिक परिणाम होंगे।
रूस पहले ही नाटो सीमाओं के पास अपने स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पिछले दिनों रूस की पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने का आदेश दिया था। अब रूस को स्वीडन से जुड़ी सीमाओं पर भी अपनी ताकत लगानी होगी वहीं नाटो सेना अब स्वीडन से संधि के बाद रूस की सीमा के काफी करीब तक पहुंच जाएगी जिसे कूटनीतिक दृष्टि से रूस के खिलाफ माना जा रहा है।