बैठक में दाम्पत्य विवादों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारण हेतु उपस्थित अधिकारियों/उनके प्रतिनिधिगण के साथ चर्चा की गयी तथा आम जन को जागरुक करने एवं उनके प्रार्थना पत्रों को प्राप्त कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मऊ को प्राप्त कराने के सम्बंध में निर्देश दिया गया। यह भी निर्देश दिया गया कि लीगल एड क्लीनिक/ब्लाक/सम्बंधित विभागों को इस आशय का बाक्स/पेटिका प्राप्त कराया गया कि इस बाक्स को अपने कार्यालय के महत्वपूर्ण स्थान पर लगाया जाय।
जिसमें प्रार्थी/प्रार्थिनी अपने दाम्पत्य विवाद से सम्बंधित प्रार्थना पत्रों को उक्त पेटिका में आसानी से डाल सके। उक्त पेटिका में दाम्पत्य विवाद से सम्बंधित डाले गये प्रार्थना पत्रों को पीएलवी के द्वारा पेटिका को साप्ताहिक खोला जायेगा तथा पेटिका से प्राप्त प्रार्थना पत्रों को सुरक्षित ढंग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में उपलब्ध कराया जायेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्राप्त प्रार्थना पत्रों को एक पंजिका में दर्ज किया जायेगा तथा पक्ष/विपक्ष को नोटिस भेजकर तिथि निर्धारित करते हुए उन्हें प्राधिकरण में बुलाया जायेगा । ताकि उनके मामलों को प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुनवाई कर दाम्पत्य विवाद को आपसी सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारण किया जा सके।
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुॅवर मित्रेश सिंह कुशवाहा द्वारा आम जन से अपील की गयी कि दाम्पत्य विवाद में उलझे पति/पत्नी अपने मामलों को प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपनी बात विधिक सेवा प्राधिकरण तक पहुॅचाकर उसका आपसी सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारण करायें तथा माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं माननीय उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के इस पहल का लाभ उठाये तथा अपना दाम्पत्य जीवन का शेष भाग खुशी-खुशी व्यतीत करते हुए घर, परिवार, बच्चों की सेवा करते हुए समाज को आगे बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान देवें तथा अनावश्यक भाग दौड़ एवं फिजुल खर्चे से बचे। बैठक में वन स्टाफ सेण्टर से श्रीमती सन्ध्या, सेण्टर मैनेजर, श्री मनोज गुप्ता, लिपिक, तहसील सदर, श्री अमरेश कुमार, लिपिक, तहसील मोहम्मदाबाद गोहना, श्री अरविन्द कुमार, विधि महाविद्यालय, इन्दारा, मऊ एवं अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।