रेजरपे के कानूनी विवाद विभाग प्रभारी अभिषेक अभिनव आनंद ने कहा, कंपनी 7.38 करोड़ रुपये के 831 लेन-देन का मिलान नहीं कर पाई। इनकी रसीद भी नहीं मिली। इस संबंध में अपनी प्राधिकार सेवा देने वाली भागीदार फिनटेक व पेमेंट कंपनी फिनसर्व से संपर्क किया तो उसने बताया कि यह भुगतान विफल हो गए थे और इन्हें प्राधिकृत नहीं किया गया था।
इस जानकारी के बाद राजोरपे ने अंदरूनी जांच कराई तो पाया कि 6 मार्च से 13 मई के बीच विशिष्ट 16 कारोबारियों को इन लेन-देन में निशाना बनाया गया है। असल में ये 831 भुगतान विफल हुए थे, लेकिन अज्ञात हैकरों अथवा धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों ने प्रक्रिया का दुरुपयोग कर इनसे पैसा निकाल लिया।