प्रभागीय वनाधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 75 से ज्यादा बाघ हैं। जो अक्सर जंगलों से निकलकर शहर पहुंच जाते हैं। कई बार ये लोग जनहानि भी कर देते हैं। हाथियों के आने के बाद कर्मचारी हाथी पर बैठकर बाघों की गतिविधियों पर नजर रख पाएंगे। कई बार बाघ खेतों में घुस जाते हैं। फसल के फैले होने के कारण बाघ दिखाई नहीं देते हैं। हाथी पर बैठकर छिए हुए बाघों को भी देखा जा सकेगा और कर्मचारी भी सेफ रहेंगे। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आने वाले हाथी अब तक कन्नड़ भाषा जानते हैं।
उनको हिंदी भाषा सीखाने के लिए 6 महावतों को कर्नाटक भेजा जाएगा। उनको हिंदी में कमांड लेना सिखाया जाएगा। बता दें कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने 2018 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 10 हाथियों की मांग की थी। दिसंबर 2021 में कर्नाटक के अधिकारियों ने इसे घटाकर 6 कर दिया था। अब प्रयागराज और जौनपुर से दो हाथियों के साथ कर्नाटक से सिर्फ चार हाथी लिए जाएंगे। कर्नाटक से चार हाथियों को ले जाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। हाथियों को ट्रक से ले जाने का ठेका देना भी शामिल है।