जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने ये कार्रवाई की है। जहां एक ओर पुणे में बिल्डर विनोद गोयनका के ठिकानों पर छापा मारा गया है, तो दूसरी ओर मुंबई में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शाहिद बलवा और अविनाश भोसले के आवास और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया है। सीबीआई ने छाबड़िया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसका नमूना शनिवार को देखने को मिला है।
यहां बता दें कि देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों में शुमार डीबी रिएल्टी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर (एमडी) शाहिद उस्मान बलवा हैं, जबकि विनोद गोयनका इस कंपनी में चेयरमैन हैं। बलवा पर इससे पहले भी कई तरह के आरोप लगाए जा चुके हैं, जबकि स्पेट्रम घोटाले में उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब यस बैंक धोखाधड़ी के मामले में भी शाहिद बलवा और विनोद गोयनका सीबीआई के निशाने पर आ गए हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई ने बीते गुरुवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मुंबई के रियल्टी उद्यमी संजय छाबड़िया को गिरफ्तार किया। रेडियस डेवलपर्स के छाबड़िया को शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने 2020 में डीएचएफएल ने कपूर और कपिल वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर ने डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश को अंजाम दिया था।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। बदले में वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी (DoIT) अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कपूर की बेटियां रोशनी, राधा और राखी मोग्रन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से डीओआईटी अर्बन वेंचर्स की 100 प्रतिशत शेयरधारक हैं।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि डीएचएफएल द्वारा डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बहुत कम मूल्य वाली घटिया संपत्तियों के गिरवी रखने और कृषि भूमि से आवासीय भूमि में इसके भविष्य के लाभ पर विचार करके 600 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया था। आगे पाया गया कि डीएचएफएल ने आज तक अपने डिबेंचर में यस बैंक द्वारा निवेश किए गए 3,700 करोड़ रुपये की राशि को भुनाया नहीं था। इसके अलावा यस बैंक ने आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये का ऋण भी मंजूर किया, जिसके निदेशक धीरज वधावन हैं।