विश्वास है प्यार,
सहृदय समर्पण और
अपनापन है प्यार।
मन का मीठा संगीत और
सुकून है प्यार।
तुम्हारी जीत में
मेरी जीत है प्यार,
मोह का अनुप्रास और
अलंकार है प्यार।
उनकी अनकही बातो को
समझना है प्यार,
तुम्हें बिन बोले
फिक्र है प्यार।
देह स्पर्श से परे
रूह का स्पर्श है प्यार।
तुम्हारा मानसम्मान में ही
मेरा सम्मान है प्यार,
खुद से को भूलकर
तेरा हो जाना है प्यार।
तुम्हारे मान सम्मान
की रक्षा है प्यार,
न आदि न अनंत है प्यार
अविरल गति है,
मंद मुसकान है प्यार।
तुम्हारी हँसी में दबी
उदासी को समझ
लेना है प्यार।
तुम्हे तुम से अधिक
समझना और
निभाना है प्यार।
ना अल्पविराम न
विराम है प्यार।
सरल,सहृदय विनम
एक मीठा एहसास है प्यार।
पारुल 'राज', नई दिल्ली