फिर से वो बचपन लौटा दो

क ख ग घ पुनः पढ़ा दो

स्कूलों की सैर करा दो

हंसते गाते पढ़ने जाएं

पहली की कक्षा लगवा दो..।।


छुपन-छुपाई फिर खेलेंगे

पेड़ों से अमियाँ तोड़ेंगे

उछल कूद वाली डाली की

फिर से वो खुशियाँ लौटा दो..।।


गर्मी की छुट्टियां मनाने

फिर से नानी के घर जाऊं

आइसक्रीम खाने की ज़िद हो

फिर से वो भोंपू बजवा दो..।।


सुनूँ कहानी पहले वाली

जिसमें राजा-रानी हों

बूढ़ी दादी के संग सोऊं

फिर से वो खटिया बिछवा दो..।।


जात-पात का भेद मिटाकर

साथ बैठकर हम खाएं

सुख-दुःख को हम मिलकर बांटे

फिर से वो बचपन लौटा दो..।।

फिर से वो बचपन लौटा दो..।।


~ विजय कनौजिया