-समाजसेवी ने जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा पत्र व वीडियो क्लिप
बांदा। दिसंबर माह में नरैनी क्षेत्र की गोशालाओं व अन्य जगह से अन्ना गोवंश को ट्रकों में भराकर सीमावर्ती मध्यप्रदेश के जिले की घाटी से जिंदा नीचे फेंक दिया गया। इससे सैकड़ों गायों, गोवंश की मौत हो गई। मामला कुछ समय तक सुर्खियों में रहा। जांच टीम ने दोषीजनों की जांच कहां तक की यह एक अलग विषय है। इसी तरह जिले के अधिकांश गोशालाओं में संरक्षित गायों व गोवंश के शुरूआती आंकड़े देखे जाएं व अब वर्तमान तो सैकड़ों गाय व गोवंश गायब हैं। यह हकीकत एक गोशाला की नहीं बल्कि जिले की अधिकांश गोशालाओं की है। कागज में सब दुरुरस्त पर धरातल में जमीन-आसमान का अंतर है। हद तो यह है जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर अब नजर नहीं घुमाना चाहते। बीते दिवस भूख-प्यास से सात गायों के मरने व दफन करने की शिकायत की गई है।
बिसंडा ब्लाक के ग्राम पंचायत सिंहपुर में चारा-भूसा के अभाव में सात गायों की मौत पर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थनापत्र दिया है। भूख से मर रही गायों के संबंध में गांव के समाजसेवी जगतराम ने जिलाधिकारी कार्यालय में पत्र सौंपा है। साथ ही उन्होंने वीडियो क्लिप भी प्रस्तुत किए हैं। अपने दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि गोशाला में जुलाई माह सन 2021 में चार सौ ऊपर गायों की संख्या थी। गोशाला में गायों की उचित देखभाल न होने के कारण व चारा भूसा की व्यवस्था न होने के कारण बहुत सी गाय भूख-प्यास से मर चुकी हैं। इस समय लगभग एक सैकड़ा गाय बची है।चार सौ से अब मात्र एक सैकड़ा गाय बचने पर वह कहते हैं कि दो सौ से अधिक असामयिक काल के गाल में समा गई हैं।
एक सैकड़ा गोवंश को संचालकों ने खदेड़ गोशाला से खदेड़ दिया है। अब बची गायों को मात्र सरसों का भूसा दिया जा रहा है। बीमार गायों का उचित इलाज नहीं कराया जा रहा है। जससे बहुत सी गाय प्रतिदिन दम तोड़ रही हैं। जगतराम ने कलेक्ट्रेट में प्रभारी अधिकारी को बताया कि बीते दिवस सात गायों की भूख-प्यास से मौत हो गई है। इनके शव को रात के अंधेरे में चुपचाप पास ही गड्ढा खोदकर दफना दिया गया है। उक्त मृत गायों का पोस्टमार्टम करा लिया जाए जिससे उनके मृत्यु का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है। साथ ही अवशेष गायों के भूसा चारा का प्रबंध करने की मांग की गई है।