जय जय शशिशेखरा,
जय जय गंगाधरा,
डमडम डमरुधारी,
नन्दी बैल की सवारी,
गौरीप्रियाय महेश्वरा।
जय जय शिव शंकरा...
ग्रीवा शोभत भुजंग,
चराचर,अनंग,स्थावर जंगम,
विष्णुवल्लभ,अनीश्वरा।
जय जय शिवशंकरा...
कैलाशवासी,शूलपाणी,
नीललोहिता,अंतर्यामी,
त्रिलोकेश,पंचवक्त्रा।
जय जय शिवशंकरा...
महाकाल,ललाटाक्ष,
सुरसूदन,त्रिपुरान्तक,
भस्मोद्धूलितविग्रह,विशेश्वरा।
जय जय शिव शंकरा...
रीमा सिन्हा
लखनऊ-उत्तर प्रदेश