अपनों की अपनों से बात हो ।
जरूरत से लेकर चाहत तक ,
संग इजहार ये मोहब्बत हो ।
दिलों की हर ख्वाहिश सदा ,
सुंदर सा अंदाज में बयां हो ।
उम्र के हर मोड़ हर राह में ,
चाँद तारों सा तालुकात हो ।
तपती धूप से लेकर छाँव तक ,
तिनका भर भी गम न पास आये ।
मुलाकात से लेकर याद तक ,
होठों से मुसकुराहट न जाये ।
ज्योति नव्या श्री
रामगढ़ ,झारखंड