फूलों की छतरी March 30, 2022 • कामगार पोस्ट बचपन फूलों की छतरियो में बिता,एक एक यादें कलियों सी खिलती रही है,जवानी काटों में बिता,फिर भी हर एक मोड़ पर मुस्कुराती रहीफूलों की छतरी महकती रहीचुन चुन सपने खोते रहेरंग - बिरांगी यादें बनती गईबुढ़ापा चारपाई में बिता।यादें का बगीचा खिलता गयाप्रतिभा जैनटीकमगढ़ मध्य प्रदेश