वीर विनायक दामोदर सावरकर की पुस्तक का हवाला देते हुए संजय अमन ने आगे कहा कि विनायक दामोदर सावरकर द्वारा मराठी भाषा में लिखी गई किताब ‘विज्ञाननिष्ठ निबंध’ भाग 1 और भाग 2, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक प्रकाशन, मुंबई ने प्रकाशित की गई है थी। इस किताब के अध्याय 1.5 का शीर्षक है – गोपालन हवे, गोपूजन नव्हे. इस में लिखा है कि - '' भारत जैसे कृषि प्रधान देश में यह स्वाभाविक ही है कि लोगों को गाय अच्छी लगे। गाय लंबे समय से हमारे साथ रही है। वह हमें कई चीजें उपलब्ध करवाती है। उसका दूध, अनाज के साथ मिलकर हमारे शरीर का विकास करता है। जो गायें रखते हैं उनके लिए ये परिवार के किसी सदस्य जैसी ही बन गई हैं। हिंदुओं का करुणापूर्ण मन और हृदय गायों के प्रति कृतज्ञता महसूस करता है।
मुम्बई से प्रकाशित अखबार गऊ भारत भारती के संपादक संजय अमान के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में राष्ट्रीय एकता और सदभावना को खंडित करने के उद्देश्य से दिग्विजय सिंह की तरह बयान देने वाले अन्य व्यक्तियों को भी चिन्हित कर उन पर उचित कानूनी कार्यवाही किये जाने की मांग सरकार से की गई है।