देर आये दुरस्त आये लेकिन अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का सवाल अधूरा भाकियू - टिकैत

लखनऊ : कृषि कानूनों की वापसी पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा यह जीत किसानो ,मजदूरों ,आदिवासियों ,महिलाओ की एकजुटता ने देश की अड़ियल सरकार को चुनाव में अपनी पराजय देख यह कदम उठाना पड़ा लेकिन अभी हम संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे अभी किसानो के तमाम मसले अभी बाकी है सात सौ से अधिक किसानो की सहादत के बाद मिली जीत। वही भाकियू प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि देश के किसानों की सामूहिक एकजुटता, त्याग और संघर्ष की बदौलत यह पहली जीत मिली है। तीनों काले कानून सरकार वापस लेगी। हालाँकि इस जीत में हमारे अपने 700 से ज्यादा किसान भाई- बहनों की शहादत हुई है। किसानों की शहादतों की जिम्मेदारी सरकार और प्रधानमंत्री जी का अहंकार था, आज यह साबित हो गया जब केवल उनके मान लेने से कानून वापस होंगे। देश से बड़ा कोई नहीं होता किसी का व्यक्तिगत अंहकार भी नही यह इस देश के देशभक्त किसानों - नौजवानों ने अहिंसक सत्याग्रह कर के साबित किया। लडाई अभी अधूरी है, MSP की कानूनी गारंटी C2 + 50% के साथ की मांग पूरे देश के किसानों की है और यह लडाई इस मांग के पूरे होने के साथ ही पूरी होगी। बाकी हम सब संयुक्त किसान मोर्चा में बैठक कर आगे का सामूहिक निर्णय लेंगे। इसके लड़ाई में किसानों ने बहुत आलोचना सही है। आन्दोलनजीवी से खालिस्तानी तक कहा गया लेकिन किसानों ने धैर्य नही खोया।भाकियू किसानों को इस संघर्ष के लिए धन्यवाद करती है। 

दीपिका पाठक