सीरियल किलर भाइयों के दो गुर्गे हुसैनगंज में गिरफ्तार


लखनऊ। हुसैनगंज पुलिस को आज दो और तालकटोरा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। हुसैनगंज पुलिस ने लखनऊ के खूंखार अपराधी सीरियल किलर के नाम से पहचाने जाने वाले रुस्तम सोहराब सलीम के 2 गुर्गों फूल बाग कैसरबाग निवासी राजमंडल और हुसैनगंज निवासी सुंदर को विकास दीप के पास से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 350 ग्राम मार्फिन बरामद की है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए राजमंडल के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वो कैसरबाग थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए राज्यमंडल और सुंदर सीरियल किलर भाइयों के लिए लोगों को डरा धमका कर अवैध वसूली करने के अलावा सट्टे और नशे का कारोबार भी करते थे। इसके अलावा हुसैनगंज पुलिस ने ही 3 सटोरियों को गिरफ्तार कर सट्टे के कारोबार में इस्तेमाल की जाने वाली दो डायरिया और एक स्कूटी बरामद की है। पुलिस द्वारा गौतम पल्ली के रहने वाले सुरेश छितवापुर हुसैनगंज के रहने वाले पीयूष और उदय गंज सब्जी मंडी हुसैनगंज के रहने वाले फिरोज को गिरफ्तार किया गया है। वही तालकटोरा पुलिस के हाथ की बड़ी कामयाबी लगी है पुलिस ने सी ब्लॉक राजाजीपुरम तालकटोरा के रहने वाले रंजीत यादव को विधानसभा के फर्जी प्रवेश पत्र के साथ गिरफ्तार किया है ये वही प्रॉपर्टी डीलर रंजीत यादव है जिसके ऊपर 15 दिसंबर को एमआईएस चैराहे के पास जानलेवा हमला हुआ था पुलिस ने उस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। अपराधिक प्रवृत्ति के रंजीत यादव के खिलाफ विभिन्न थानों में 5 मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर तालकटोरा ने बताया कि मुखबिर द्वारा पता चला था कि रंजीत यादव अपनी कार पर फर्जी विधानसभा का पास लगा कर घूम रहा है। उन्होंने बताया कि रंजीत यादव की एक्सयूवी कार पर चिपके विधानसभा प्रवेश पास की जब शासन से रिपोर्ट मंगवाई गई तो पता चला कि इस तरह का कोई पास रंजीत यादव नाम के व्यक्ति को जारी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा का फर्जी पास लगाकर कार से घूम रहे रंजीत यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। यहां सवाल यह उठता है कि अपराधिक प्रवृत्ति के रंजीत यादव को विधानसभा का फर्जी पास कैसे हासिल हुआ और विधानसभा में प्रवेश कि इस अपराधी को क्या आवश्यकता थी। फर्जी पास के साथ पकड़े गए रंजीत यादव की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल भी उठना वाजिब है कि अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को जिस व्यक्ति द्वारा फर्जी पास उपलब्ध कराया गया है कहीं ऐसा तो नहीं कि इस तरह के फर्जी पास और लोगों को उपलब्ध कराए गए हो जो विधानसभा व सचिवालय की सुरक्षा में घातक भी सिद्ध हो सकते हैं।